पीयूष गोयल ने दिया, ऊर्जा क्षेत्र में भारत-जापान सहयोग बढ़ाने पर बल |
केन्द्रीय बिजली, कोयला और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने पुन: भारत और जापान के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया है। गोयल आज प्रात: द्विपक्षीय बैठक में टोक्यो, जापान में वहां के आर्थिक, व्यापार और उद्योग मंत्री 'मोतो हयाशी' के साथ बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग इस प्रकार होना चाहिए कि जापानी तकनीक और धन भारतीय उच्च कुशल मानव संसाधन और ‘’मेक इन इंडिया’ के साथ मेल खाये, जिससे साझेदारी न केवल परस्पर लाभ के लिए हो बल्कि विश्व के लाभ के लिए भी हो। उन्होंने कहा कि यह विश्व में भारत को निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को प्रतिबिंबित करता है। पीयूष गोयल 8वें भारत-जापान ऊर्जा वार्ता में शामिल होने के लिए, 12 से 14 जनवरी, 2016 के टोक्यो प्रवास पर है। गोयल और हयाशी ने नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों सहित ऊर्जा क्षेत्र में, दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण संबंधों को बढ़ाने की इच्छा दोहराई। वे कार्यकारी समूहों के बीच 'वीडियो कांफ्रेंस' और द्विपक्षीय यात्राओं के माध्यम नियमित विचार-विमर्श करने पर सहमत है, जिससे परस्पर व्यावसायिक अवसरों से संबंधित मुद्दों को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। दोनों मंत्रीगण सहमत थे कि परस्पर संबंधों के ठोस परिणाम निकलने चाहिए, जिन्हें दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच होने वाली वार्षिक सम्मेलन बैठक के मध्य दिखाया जा सके। गोयल ने विश्व में सबसे बड़े एलईडी कार्यक्रम और महत्वकांक्षी 175 जीडब्ल्यू नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम के बारे में बताते हुये कहा कि ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा दो महत्व वाले क्षेत्र हैं और इनमें जापानी प्रौद्योगिकी के उपयोग की अति संभावना है। जापानी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के लिये भारत सबसे बड़ा और तेजी से विस्तार लेता बाजार है और भारत दोनों पक्षों के परस्पर लाभ के लिए ऐसी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने को उत्सुक है। पीयूष गोयल ने 13-18 फरवरी, 2016 को मुम्बई में होने वाले ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में हयाशी के नेतृत्व में जापान के आर्थिक, व्यापार और उद्योग मंत्रालय के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल को शामिल होने का भी निमंत्रण दिया। |
पहचान देगा; ज्ञान -विज्ञान दर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; - तिलक